ब्लॉग 5
📅 04/08/2025
एक वादा निभाया गया — कैंसर से परे एक प्रेम कहानी
कुछ कहानियाँ बस सुनाई जाने के लिए ही होती हैं।
यह कहानी है विदि (नाम बदला गया) और नरेन की।
मैंने उन्हें दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में एक ठंडी दिसंबर सुबह पहली बार देखा।
विदि 26 साल की थी — जीवन से भरी, हंसमुख और शादी के सपनों में डूबी हुई।
शादी से कुछ महीने पहले उसे स्तन में गांठ महसूस हुई — और ज़िंदगी पलट गई।
उसने कीमोथेरेपी और सर्जरी पूरी की और अब रेडिएशन थेरेपी के लिए आई थी।
नरेन एक छोटे प्राइवेट जॉब में थे, लेकिन उनकी नज़रों में सिर्फ एक बात थी —
“विदि को ठीक करना है।”
चार हफ्ते तक हर सुबह वह उसे इलाज के लिए लाते, फिर काम पर जाते।
हर सत्र में विदि शांत रहती और नरेन मुस्कुराते हुए बातें करते।
इलाज खत्म हुआ, लेकिन एक और खबर देनी बाकी थी —
विदि को अब बच्चे नहीं हो सकते थे।
मैंने झिझकते हुए यह बात बताई।
नरेन ने मुस्कुराकर कहा —
“कोई बात नहीं मैडम, हम शादी के बाद बच्चा गोद ले लेंगे।”
सात साल बाद, फोर्टिस अस्पताल में मैंने उन्हें फिर देखा —
उनकी गोद में एक प्यारी सी बच्ची थी।
मेरे दिल में खुशी उमड़ आई।
नरेन ने अपना वादा निभाया था।
काश, इस दुनिया में और भी नरेन हों —
जो बिना शर्त प्यार करें, और मुश्किलों में भी साथ खड़े रहें।